कल्कि धाम मंदिर: भगवान विष्णु के 10वें अवतार को समर्पित मंदिर

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श्री कल्कि धाम मंदिर शिलान्यास

 

आज दिनांक 19 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रमोदी जी ने, भगवान विष्णु के दसवें अवतार “श्री कल्कि अवतार” को समर्पित, इस मंदिर की आधारशिला रखी।

शिलान्यास के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी और श्री कल्कि धाम निर्माण समिति के अध्यक्ष आचार्य श्री प्रमोद कृष्णम भी उपस्थित रहे।

कौन हैं कल्कि अवतार

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री विष्णु के अभी तक नौ अवतार हुए हैं और कलयुग निकट भविष्य में उनका दसवां अवतार कल्कि भगवान के नाम से होगा। कल्कि अवतार, अधर्म का नाश करके इस पृथ्वी पर पुनः धर्म की स्थापना करेंगे।

श्रीमद्भागवत गीता के 12वें स्कंद में कल्कि अवतार का वर्णन मिलता है।

कल्कि अवतार की झलक

अग्नि पुराण में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार की झलक मिलती है। इसके अनुसार, कल्कि अवतार सफेद घोड़े पर सवार होंगे और उनके हाथों में धनुष बाण होगा। उनके घोड़े का नाम देवदत्त होगा, ऐसा वर्णन भी अग्नि पुराण में मिलता है।

श्री कल्कि अवतार कहां जन्म लेंगे

ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के दसवें अवतार का जन्म उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक ब्राह्मण विष्णुयशा के घर में होगा। ब्राह्मण विष्णुयशा, भगवान श्री विष्णु के भक्त होंगे और साथ ही साथ वेद और शास्त्रों, पुराणों के ज्ञाता भी होंगे।

कब होगा श्री कल्कि अवतार का जन्म

पुराणों के अनुसार, जब कलयुग अपने अंतिम चरण में होगा और धरती पर पाप शीर्ष पर होगा तब भगवान श्री विष्णु के दसवें अवतार का जन्म सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होगा।

श्री कल्कि अवतार का उद्देश्य

श्री कल्कि अवतार का उद्देश्य इस धरा पर से पाप को समाप्त कर धर्म की स्थापना करना होगा। इसी के साथ कलयुग का भी अंत होगा और सतयुग का आरंभ भी कल्कि अवतार के समय ही होगा।

कलयुग की आयु

ऐसा कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के समाप्त होने के साथ ही द्वापर युग समाप्त हुआ था और कलयुग का आरंभ हुआ था। महाभारत युद्ध‌ समाप्त हुए लगभग 5100 वर्ष बीत चुके हैं।

विद्वानों के अनुसार कलयुग की अपेक्षित आयु लगभग 432000 वर्ष आंकी गई है।अभी तक कलयुग के मात्र 5100 साल ही बीते हैं और लगभग 426900 वर्ष अभी बाकी हैं।

जैसे-जैसे समय बीतेगा कलयुग के अंदर पाप बढ़ता जाएगा और जब कलयुग अपने अंतिम चरण में होगा तब पाप अपने चरम पर होगा और यही वह वक्त होगा जब भगवान श्री विष्णु, कल्कि रूप में इस धरती पर अपना 10वां अवतार लेंगे।

श्री कल्कि धाम निर्माण अवधि

ऐसा अनुमान है कि यह मंदिर लगभग 5 वर्षों में पूरी तरह तैयार हो जाएगा अर्थात लगभग 2029 तक इस मंदिर को तैयार कर लिया जाएगा।

श्री कल्कि धाम निर्माण विशेषता

  • यह धाम लगभग 5 एकड़ जमीन में फैला होगा।
  • गुलाबी रंग के पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • मंदिर निर्माण में लोहे और स्टील का प्रयोग नहीं होगा।
  • मंदिर 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर बनेगा और मंदिर का शिखर 108 फीट ऊंचा होगा।
  • भगवान विष्णु के 10 अवतारों को समर्पित, 10 गर्भगृह इस मंदिर में बनाए जाएंगे और 68 तीर्थों की स्थापना की जाएगी।

मूर्ति निर्माण और उत्सव

कल्कि पीठ धाम अपने पुराने अस्तित्व में ही रहेगा परंतु भगवान श्री कल्कि की मूर्ति को नया बनाया जाएगा। मूर्ति निर्माण हेतु , शास्त्रों व पुराणों से कल्कि अवतार के वर्णन को आधार माना जाएगा।

अयोध्या में नवनिर्मित भगवान श्री राम के मंदिर के समान ही इस मंदिर में भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जाएगा।

श्री कल्कि धाम मंदिर का अनूठापन

श्री कल्कि धाम मंदिर अपने आप में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अनूठा होगा क्योंकि यह एक ऐसा मंदिर होगा जो ऐसे अवतार को समर्पित होगा जिनका अभी तक विश्व में अवतरण ही नहीं हुआ है।

 

 

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