स्तुति श्री गणेश जी महाराज

5
(1)

श्लोक

ॐ गजाननं भूतांगणादि सेवितम्, कपित्थ जम्बूफलसार भक्षणम्।
उमासुतम् शोकविनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥

भाव: हाथी समान मुख वाले, भूत गणों के द्वारा सेवा किये जाने वाले और कपिथा तथा जम्बू फल को ग्रहण करने वाले, उमा पुत्र जो सभी दुखों का नाश करने वाले हैं और जिनके चरण कमल के समान हैं; मैं उनको नमन करता हूँ|

 

Ganpati mantra and stuti

श्री गणेश जी स्तुति

गाइये गणपति जगवंदन |
संकर-सुवन भवानी नंदन ||

सिद्धि-सदन, गज बदन, विनायक |
कृपा-सिंधु, सुंदर, सब-लायक ||

गाइये गणपति जगवंदन |
संकर-सुवन भवानी नंदन ||

मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता|
विद्या-बारिधि, बुद्धि विधाता ||

गाइये गणपति जगवंदन |
संकर-सुवन भवानी नंदन ||

मांगत तुलसिदास कर जोरे |
बसहिं रामसिय मानस मोरे ||

गाइये गणपति जगवंदन |
संकर-सुवन भवानी नंदन ||

 

 

यह लेख कैसा था?

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

अब तक कोई वोट नहीं! इस लेख को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

औरों को बताइये

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
2024 के मुख्य त्योहारों की सूची – दिनांक के साथ  याददाश्त बढ़ाने के आसान टिप्स सोने के बढ़े हुए भाव से न हो परेशान,अक्षय तृतीया पर खरीदें यह 5 सामान  इस अक्षय तृतीया तिजोरी में रखें ये सामान,बढ़ेगा आपका धन-मान-सम्मान कल आ रही है अक्षय तृतीया, भूलकर भी न करें ये काम