UK में धूम्रपान निषेद्य-2009 के बाद पैदा हुए नागरिक कभी भी Smoking नहीं कर पायंगे;जानिए क्या है पूरी योजना।

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UK प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की धूम्रपान विरोधी पहल

बीते मंगलवार को, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के धूम्रपान बंद के प्रस्ताव पर, सांसदों ने अपनी सहमति जताई। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक UK  में धूम्रपान के कारण बढ़ती हुयी मौतों को लेकर, धूम्रपान को प्रभावी रूप से बंद करना चाह रहे हैं।

धूम्रपान:हानिकारक प्रभाव

धूम्रपान के दुष्प्रभाव किसी से भी छिपे हुए नहीं हैं पर फिर भी यहाँ पर इसकी चर्चा करना इसलिए आवश्यक है ताकि लोगों में और जागरूकता लायी  जा सके। धूम्रपान में सबसे हानिकारक होता है तम्बाकू जिसको बीड़ी या सिगरेट में भर कर बाजरों में बेचा जाता है और जब यह तम्बाकू जलता है तो विभिन्न हानिकारक रसायन और गैस हमारे वातावरण और हमारे शरीर में फ़ैल जाती हैं।

  • धूम्रपान के कारण कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड और न जाने अन्य कितनी ही हानिकारक गैसें पैदा होती हैं और वातावरण में जहर फैला देती हैं।
  • तम्बाको से कैंसर होता है जो एक लाइलाज बीमारी है।
  • धूम्रपान के कारण HEART Attack और दमे की समस्यों का जन्म होता है।
  • UK  सरकार के अनुसार, हर साल UK में तक़रीबन 80000 लोग केवल धूमपान की वजह से मारे जाते हैं और इस से वहां की आर्थिक व्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

Vaping/E-सिगरेट:धूम्रपान का बदलता स्वरुप

जैसा की नाम से पता चलता है, VAPING या E-सिगरेट, धूम्रपान का नया तरररेका है जिसमे पारम्परिक तम्बाकू वाली बीड़ी/सिगरेट की जगह एक इलेक्ट्रॉनिक सिगरट का इस्तेमाल किया जाता है। यह सिगरेट्स बैटरी या सेल से चलती हैं और एक विशेष प्रकार के तरल को भाप/धुंए में बदलती है जिसको साँसों के साथ अंदर खींचा जाता है। यहाँ पर गौर करने लायक बात ये है की जिस तरल चीज़ को इस्तेमाल इन VAPE PENS में किया जाता है वो एक प्रकार का केमिकल है जो शरीर के लिए नुकसानदायक है।

VAPING के कारन किशोर हो रहे बच्चों के दिमाग और फेफड़ों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है और यह लम्बे समय तक असर दिखता है। कई लोगों के मन में यह शंका है की इसमे तम्बाकू नहीं है तो यह काम नुकसानदायक है परन्तु डॉक्टर्स का कहना है की ऐसा बिलकुल भी नहीं है और VAPING भी पारम्परिक सिगरेट्स की तरह ही हानिकारक है।

THE TOBACCO & VAPES BILL

UK की संसद में चर्चित इस क़ानून का मुख्य उद्देश्य धूम्रपान और तंबाकू के हर पारम्परिक और आधुनिक रूप पर रोक लगाना है हालाँकि यह क़ानून उन लोगों को धूम्रपान से वंचित नहीं करता जो वर्तमान में SMOKING  RELATED  LAWS  के अनुसार,मतलब 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के हैं।

NO SMOKING

नया क़ानून कैसे रोकेगा युवाओं में धूम्रपान की लत

इस क़ानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार ने अहम् कदम निश्चित किये हैं जिनमे से सबसे महत्वपूर्ण है इन उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाना। सरकार चाहती है की युवा को सिर्फ चेतावनी देकर सिगरेट पीने से नहीं रोका जा सकता इसलिए दुकानों को यह आदेश दिया गया है की उन्हे 18 वर्ष से कम उम्र के युवकों को ये उत्पाद नहीं बेचने हैं।
इसके साथ ही सरकार ने एक और विशेष कदम उठाते हुए यह फैसला लिया है की धूम्रपान की वर्तमान उम्र 18 वर्ष को हर वर्ष 1 वर्ष बढ़ा दिया जायेगा मतलब की अभी के क़ानून अनुसार 18 वर्ष से ऊपर के युवक सिग्रेटे पी सकते हैं और अगलेय वर्ष यह उम्र अवधि 19 वर्ष की और उस से अगले वर्ष 20 वर्ष और इसी तरह 21,22,23…
इस क़ानून से यह स्पष्ट है की सरकार युवओं को इस लत से बचाना चाहती है और इस प्रकार जो लोग वर्ष 2009 के बाद पैदा हुए हैं वो अपने सम्पूर्ण जीवन में कभी भी वैध तरीके से धूम्रपान नहीं कर पाएंगे ।
इसके साथ ही जो दूकानदार इस क़ानून को तोड़ते हुए किसी कम उम्र के युवा को ऐसा कोई उत्पाद बेचते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर उचित जुरमाना भी लगाया जायेगा।

वैश्विक स्तर पर धूम्रपान निषेद्य सम्बन्धी कदम

  • इस प्रकार के धूम्रपान विरोधी कानों को लागु करने वाला UK अकेला देश नहीं है बल्कि कई अन्य देश भी इस दिशा में कार्यरत हैं।
  • मेक्सिको के क़ानून तो इतने सख्त हैं की वहां पर लोगो सार्वजानिक स्थानों के साथ साथ विशेष परिस्थितयों में अपने घरों में भी धूम्रपान नहीं कर सकते।
  • भारत में भी धूम्रपान विरोधी अजेंडा टीवी एड्स, सिनेमा हॉल्स और यहाँ तक की हर तम्बाकू उत्पाद पर एक वैधानिक चेतावनी के द्वारा चलाया जा रहा है।
  • पुर्तगाल भी इसी दिशा में कार्यरत है और उनका उद्देश्य है की 2040 तक इस लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

नागरिकों का समर्थन

चाहे भारत हो या पुर्तगाल, UK  हो या मेक्सिको; लगभग हर देश की सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है ताकि इस नशे की लत से आने वाली पीढ़ी को बचाया जा सके और ऐसे में हम सब नागरिकों का भी यह कर्त्तव्य बन जाता है की हम स्वयं इस ओर जागरूक होकर धूम्रपान छोड़ने की तरफ कदम बढ़ाएं और अपनी अगली पीढ़ी को भी इसके हानिकारक प्रभावों से अवगत कराएं। सरकारों और नागरिकों की एकजुटता ही इस विश्व से इस धूम्रपान की गन्दी बीमारी को खत्म कर सकने का एकमात्र तरीका है। 

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